Chandra Grahan 2023चंद्र-ग्रहण सूतक काल का समय

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Chandra Grahan / allnationalnews.com

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चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023, शनिवार देर रात 1 बजकर 5 मिनट से लेकर 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. यानी यह ग्रहण 1 घंटा 18 मिनट का रहेगा. इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य होगा.

चंद्र ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए?

चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन खाने और बनाने की मनाही होती है। ग्रहण काल के समय किसी भी देवी-देवता की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय किसी मंदिर में नहीं जाना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे को बिल्कुल भी स्पर्श नहीं करना चाहिए।

सूर्य ग्रहण के दौरान:

किसी भी प्रकार का खाद्य पदार्थ ग्रहण नहीं करना चाहिए.
फल- सब्जियों को काटने और छिलने का काम नहीं करना चाहिए.
घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.

सूर्य ग्रहण के खत्म होने के तुरंत बाद:

सूर्य ग्रहण के खत्म होने के तुरंत बाद:
घर में झाड़ू और नमक के पानी का पोछा लगाना चाहिए.
पूरे घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए.
छह नारियल लें और अपने सिर पर से वार कर बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.

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चंद्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण, जिसे पूर्ण रूप से चंद्र ग्रहण भी कहा जाता है, यह एक ऐसे आकाशी घटना है जिसमें पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरती है, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है। इसके परिणामस्वरूप चंद्रमा को अस्थायी रूप से अंधकार या रंग में परिवर्तित होते हुए दिखाई देता है। चंद्र ग्रहण के दो मुख्य प्रकार होते हैं:

  1. पेनम्ब्रल चंद्र ग्रहण: पेनम्ब्रल चंद्र ग्रहण में, चंद्रमा पृथ्वी के पेनम्ब्रल छाया से गुजरता है, जो पृथ्वी की छाया का बाह्य हिस्सा होता है। इस प्रकार के ग्रहण को सूक्ष्म माना जाता है, और चंद्रमा केवल थोड़ा हल्का दिख सकता है।
  2. आंशिक चंद्र ग्रहण: आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान, पृथ्वी की उम्ब्रल छाया, जो छाया का अधिक गहरा और केंद्रीय हिस्सा होता है, से चंद्रमा के किसी हिस्से को ढ़क लेता है। इससे चंद्रमा के किसी हिस्से का काला हो जाना होता है।
  3. पूर्ण चंद्र ग्रहण: पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान, पूरा चंद्रमा पृथ्वी की उम्ब्रल छाया से गुजरता है। इससे चंद्रमा का एक लाली रंग धारण कर लेता है, जिसे अक्सर “रक्त चंद्रमा” कहा जाता है। इस लाल रंग का कारण है कि सूर्य प्रकाश को पृथ्वी के वायुमंडल के माध्यम से बिखरता है, जिसमें छोटी लम्बी तरंगों को बाहर किया जाता है और लम्बी तरंगों (जैसे कि लाल और नारंगी) को चंद्रमा को प्रकाशित करते हैं।

चंद्र ग्रहण को नग्न आंखों से देखना सुरक्षित होता है, और इन्हें पृथ्वी के रात की ओर के किसी भी भूगोलिक क्षेत्र से देखा जा सकता है, क्योंकि ये पूरी रात की ओर से देखे जा सकते हैं। ये घटनाएं सूर्य ग्रहण की तरह अक्सर नहीं होती हैं, लेकिन ये फिर भी प्राकृतिक अद्भुत घटनाएं हैं जिन्हें सदियों से देखा और अध्ययन किया गया है।


चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिला को क्या नहीं करना चाहिए ?

चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित बातों से बचना चाहिए:
तेज भोजन से बचें: तेज तीव्र भोजन से बचकर सावधानी बरतें।
– नए कार्यों की शुरुआत न करें: नए कार्यों की शुरुआत नहीं करनी चाहिए और मन को शांति में रखना चाहिए।
ध्यान और पूजा में रहें: मन को शांति और सकारात्मक भावना में रखने के लिए ध्यान और पूजा में रहें।
स्वास्थ्य का ध्यान रखें: अच्छे स्वास्थ्य का ध्यान रखें और योग या प्राणायाम का अभ्यास करें।
नए कार्यों से बचें: ग्रहण के समय नए कार्यों की शुरुआत नहीं करनी चाहिए, और अगर कोई महत्वपूर्ण कार्य है, तो उसे धीरे-धीरे करें।

क्या हम चंद्र ग्रहण में पानी पी सकते हैं?

जी हां, चंद्र ग्रहण के दौरान पानी पीने में कोई बाधा नहीं है। यह व्यक्ति की आस्था और व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है।

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